5 Simple Techniques For shiv chalisa lyrics aarti
5 Simple Techniques For shiv chalisa lyrics aarti
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अर्थ- माता मैनावंती की दुलारी अर्थात माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ । या छवि को कहि जात न काऊ ॥
राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
नासै रोग हरे सब पीरा। जपत निरन्तर हनुमत बीरा।।
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
अर्थ- हे शिव शंकर आप तो संकटों का नाश करने वाले हो, भक्तों का कल्याण व बाधाओं को दूर करने वाले हो योगी यति ऋषि मुनि सभी आपका ध्यान लगाते हैं। शारद नारद सभी आपको शीश नवाते हैं।
हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए।
. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष check here मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी । करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥
मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥